उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों एक गीत काफी लोकप्रिय हुआ जो शादी ब्याह और समाजिक कार्यक्रमों में बजता हुआ सुनाई दे रहा था। यह गीत केवल एक गीत नहीं बल्कि एक नारा सा बन गया था क्यूंकि हर उम्र के व्यक्ति चाहे वो बुजुर्ग हो या बच्चा या कोई महिला, सभी की जुबान पर केवल वही सुनाई दे रहा था। उत्तर प्रदेश चुनाव में यह गीत कब चुनावी नारा बन गया पता ही नहीं चला। लिहाजा यह गीत भाजपा की हर चुनावी रैली व कार्यक्रम में बजने लगा।
इसकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से पता चलता है कि जिनके लिए यह लिखा गया था यानी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने जब यह गीत, इस गीत के गायक ने गाया तो इस गाने को सुनकर योगी आदित्यनाथ भी प्रफुल्लित नजर आए। उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि कन्हैया मित्तल ने अपने इस गाने से यूपी चुनाव का एजेंडा सेट कर दिया है। साथ ही कहा कि कन्हैया मित्तल का ये गाना तो अब शादियों में भी धूम मचा रहा है।
आपने सही पहचाना, यहाँ बात हो रही है लोकप्रिय गीत “जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे” की। यह गीत स्वयं कन्हैया मित्तल ने ही लिखा व गाया है। जब उनसे इसके पीछे की कहानी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह कीर्तनों में भजन गाने के लिए भारत के हर कोने में जाते रहते हैं। जब वह एक कीर्तन के लिए छत्तीसगढ़ गए तो वहां उन्हें पता चला कि रायपुर में कड़े विरोध के बाद दुकानदारों ने मिलकर श्री राम मंदिर का निर्माण कराया था। वे उसी मंदिर के दर्शन करने के लिए गए थे। जहां दुकानदार आपस में बातें करते हुए कह रहे थे कि लंबे संघर्ष के बाद हम मंदिर में श्री राम को लेकर आ ही गए। इसी चर्चा को उन्होंने शब्दों में पिरोकर छह दिसबंर 2021 को एक गीत का रूप दे दिया। इस गीत ने गायक कन्हैया मित्तल को भी एक अलग पहचान और प्रसिद्धी दिलाई है। देश के हर कोने में न केवल इस गीत की बल्कि कीर्तनों में उनकी मांग भी बढ़ती जा रही है।
उत्तर प्रदेश के चुनाव के साथ साथ जहाँ भी कन्हैया मित्तल श्री खाटू श्याम जी के भजन करने के लिए जाते गए, लोगो द्वारा हर जगह इस गाने की मांग उठने लगी। चाहे चुनाव के समय उत्तराखंड हो या पंजाब, या फिर देश का कोई भी क्षेत्र हो, हर कीर्तन में इस गीत की मांग कन्हैया मित्तल से की जाने लगी।
लोगो में बढ़ती इस गीत की लोकप्रियता को भाजपा ने भांप लिया और इस गीत का उपयोग हर चुनाव में करना शुरू कर दिया है। यह गीत सिर्फ यहीं तक ही नहीं रुका, अब इस गीत के बोल पर कई विपक्षी पार्टियों और उनके नेताओं ने प्रश्न उठाने भी शुरू कर दिए हैं, विधानसभाओं में भी कई नेता इस गीत पर चर्चा कर रहे हैं। जवाब में कन्हैया मित्तल यही कहते हैं कि यह गीत किसी पार्टी के लिए नहीं बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए है जो प्रभु श्रीराम और हिंदुत्व के लिए काम करेगा और हिंदुओ की आस्था का सम्मान करेगा।
उत्तर प्रदेश से चला यह गीत अब देश के हर कोने में विभिन्न भाषाओ में सुना जा रहा है। फ़िलहाल यह गीत लोगो की मांग भी है और साथ ही यह गीत कितना सही है या गलत इसका फैसला भी उन्ही पर है।