जन्म से मरण तक दौड़ता है आदमी, दौड़ते ही दौड़ते दम तोड़ता है आदमी। एक घर और दो रोटी की चाह में हर पल, पूरी जिंदगी इधर उधर दौड़ता है आदमी। खुद जिंदगी भर जी-तोड़ मेहनत करके, पीढ़ियों के लिए धन जोड़ता है आदमी।। धीरे-धीरे जिंदगी में हर एक मोड़ …
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