तीन चार दिन हो गए मैंने सहारनपुर वाले मामले में कुछ लिखा नहीं था ,क्यूंकि मुझे पता था वो फेक और झूठा है ! मै मानता हु की हमारा समाज जातियों में बंटा है लेकिन जातियों में कोई रंजिश नहीं है ये भी एक सच है ! पुराने समय में ये सब जातिया काम के आधार पे बनी थी ! किसी का शोषण हुआ ये एक निहायत ही झूठ और प्रोपेगेंडा है ! और उसी के तहत ये जेहादी मुस्लमान आतंकी ये सब कर करवा रहे है, अल तकिया में ये सब झूठ बोलना भेष बदल के कुछ और बन जाना सब जायज है आसमानी किताब में लिखा है ! सीधी सी बात है अगर झगड़ा दलितों और ठाकुरो के बिच है तो घायल अकबर कैसे हो गया ये समझ के बहार है ,लेकिन थोड़ा दिमाग लगाइये समझ में आ जायेगा की मीम+मीम=मीम है भीम तो कहीं है ही नहीं ! कल ही मीडिया में कुछ खबरे आयी की इस दंगे के पीछे एक इस्लामिक आतंकी हाजी मेहबूब का दिमाग चल रहा है !
अब जरा हजारो साल से शोषण वाले प्रोपेगेंडा का पोल खोलते है ! पिछले १००० साल से मध्य भारत में या तो जेहादियों ने राज किया या ईसाइयो ने (उन्ही के शब्दों में) तो समझने वाली बता ये है की जब ठाकुर ब्राह्मण शाशन में थे ही नहीं तो शोषण कैसे कर लिया ? ये हमारे लोगो को समझना होगा ! दूसरा सबसे बड़ा उदहारण आप आदि काल से आधुनिक काल तक का इतिहास देखिये और हमारे जो भी ऋषि मुनि हुए है उनके बारे में पढ़िए ! आचार्य वाल्मीकि,आचार्य विश्वामित्र,वेद व्यास,कालिदास ,महतमा विदुर, ज्योतिबा फुले ,आचर्य रामदेव, साध्वी निरंजन ज्योति,उमा भारती,योगी आदित्यनाथ,साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ऐसे अनगिनत नाम है जो जन्म से ब्राह्मण नहीं थे लेकिन सनातन सामज इन सबको ब्राह्मण मानता है और उन्ही की तरह सम्मान देता है ! ये सबसे बड़ा प्रूफ है की हमारी जाती व्यवस्था कर्म आधारित थी ! जो की वर्ण व्यवस्था है ! कालांतर में जब मलेच्छ(मुस्लमान) वंश इस देश में आया तब उनके साथ बाल विवाह, जौहर ,सती,दहेज़ ,छुआछूत जैसे कुप्रथाएं हमारे समाज में भी आये ! जो आजकल के दलित है ो बहुत ही महान लोग है वो कृषि ,सफाई जैसे कामो में लगे थे, मलेच्छो ने उनको सबसे ज्यादा परेशान किया लेकिन उन्होंने अपना धर्म सनातन धर्म नहीं छोड़ा ! वही कोशिश ईसाइयो ने किया लालच देके ! ये बात म्लेछो को चुभती है की इतनी कोशिशों ,लालच ,प्रतारणा के बाद भी वो उनका धर्म नहीं बदलवा सके ! और उसी चुभन में आज आधुनिक समय में ये रंजिश रची जा रही है ! आज जरुरी है भारत का जनमानस इनके मंसा के समझे और इन्हे सिरे से नकार दे !
जो झूठी भीम आर्मी आज बनी है इसका झूठ इसी से पता लगता है की जरुरी वक्त पे नहीं थी याद कीजिये पिछले दो सालो में इस्लामिक आतंकियों द्वारा कैसे दलित समाज में हमले हुए थे,मंदिरो से लाउडस्पीकर उतारे गए, दलितों बहनो के साथ खुलेआम व्यभिचार हुआ इसी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ,अम्डेकर यात्राओं पे हमला हुआ इस प्रदेश में तब ये भीम आर्मी नहीं थी ! तो इस आर्मी का कोई वैचारिक वजह है ही नहीं ये सिर्फ मायावती का चुना हारने की बाद की कुंठा है ! और उसी का फायदा उठा रहे है इस्लामिक आतंकी ताकि वो अपने सदियों पुराने मनसूबे को पूरा कर सके ! लेकिन समय रहते इनका पर्दाफाश फिर हो गया !
इसलिए लिखते पढ़ते रहिये ,सतर्क रहिये !जातिया है लेकिन भारत में प्राचीन काल से मलेच्छो के आने के पहले तक जातियों के नाम पे कोई शोषण नहीं था ! कालांतर में हुआ वो भी इन्ही इस्लामिक और ईसाइयो का लाया हुआ है, दास प्रथा इन्ही की देन है जिसके खिलाफ पूरा विश्व समाज लड़ता रहा !