उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध खनन पर सख्ती दिखाते हुए कड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री ने अवैध खनन पर रोक लगाने में नाकाम गोंडा और मऊ जिलों के 4 थानाध्यक्षों को निलंबित कर दिया है।
इसके अलावा गोंडा और मऊ जिले के 1-1 खनन निरीक्षकों पर भी गाज गिरी है।
सीएम ने इस मामले में गोंडा और मऊ के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को चेतावनी देने के साथ ही 3 उप जिलाधिकारियों और 3 क्षेत्राधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं।
यही नहीं मामले में सीएम ने मऊ और गोंडा के डीएम और एसपी को कड़ी चेतावनी दी है। इसके अलावा गोंडा के करनैलगंज और तरबगंज एसडीएम और सीओ के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं।
वहीं मऊ सदर एसडीएम और सीओ के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
दरअसल दोनों जिलों में लगातार अवैध खनन की शिकायतें आ रही थीं, जिसके बाद कई अफसर शासन के रडार पर थे। निलंबित होने वालों में मऊ के खान निरीक्षक वशिष्ठ यादव, सराय लखंसी के एसओ सुरेश चंद्र तिवारी पर गाज गिरी है। वहीं गोंडा के खान निरीक्षक जितेंद्र सिंह भी निलंबित किए गए हैं।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने गोंडा के जिलाधिकारी जितेन्द्र बहादुर सिंह, पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार सिंह और मऊ के जिलाधिकारी ऋषिरेन्द्र कुमार और पुलिस अधीक्षक ललित कुमार सिंह को अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण न करने पर चेतावनी दी है।
प्रवक्ता ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ने गोंडा की तहसील कर्नलगंज के उप जिलाधिकारी नन्हेलाल और क्षेत्राधिकारी कृष्ण चन्द्र सिंह और तहसील तरबगंज के उप जिलाधिकारी अमरेश मौर्या और क्षेत्राधिकारी ब्रम्ह सिंह के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही मऊ की तहसील सदर के उप जिलाधिकारी डॉ. राजेश कुमार और क्षेत्राधिकारी राजकुमार के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि गोंडा के थाना कर्नलगंज के थानाध्यक्ष सदानन्द, उमरी बेगमगंज के थानाध्यक्ष मनोज राय, नवाबगंज के थानाध्यक्ष वेद प्रकाश श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है। वहीं मऊ के थाना सरायलखन्सी के थानाध्यक्ष सुनील चन्द्र तिवारी और मऊ के खान निरीक्षक वशिष्ठ यादव और गोंडा के खान निरीक्षक जितेन्द्र सिंह को भी निलम्बित किया गया है। इन सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार बांदा और झांसी में भी अवैध खनन और ओवरलोडिंग को लेकर शासन के पास शिकायतें हैं, जिस पर जल्द ही कार्रवाई की जा सकती है।