अभी देश भर में कांवड़ यात्रा का दौर चल रहा है और हम भी रहे है कि किस तरह से बहुत ही अधिक भाव और श्रद्धा के साथ में हिन्दू धर्म से जुड़े हुए लोग इसके प्रति काफी अधिक लगाव दिखाते है. महादेव को समर्पित इस पर्व को लेकर के लोगो को बहुत ही ज्यादा मान्यता मानी गयी है. अब बात तो इस हद तक है कि सिर्फ हिन्दू धर्म के लोग ही नही बल्कि बाकी और धर्मो से जुड़े हुए लोग भी इसे लेकर के काफी अधिक आस्तिक होते हुए दिखाई देते है.
बाबू खान ने उठायी कांवड़, सालो से दर्शा रहे है आस्था
बाबू खान नाम के व्यक्ति जो उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के रहने वाले है वो वैसे तो पैदाइश से एक मुस्लिम व्यक्ति है लेकिन फिर भी उनकी महादेव में और उनके पुत्र श्री गणेश जी में काफी अधिक आस्था है. इस कारण से लोग उनको काफी अधिक पसंद भी करते है तो कई लोग उनके विरोध में भी उतर आये है. वर्ष 2018 में भी बाबू खान हरिद्वार तक कावड लेने गये थे. इसके बाद में इस वर्ष भी वो ऐसा ही कुछ कर रहे है.
हालांकि उन्हें अपने मजहब से कोई भी शिकायत नही है. मगर वो हिन्दू धर्म और उनके देवी देवताओं में भी आस्था रखते हुए नजर आते है और इसी कारण से वो कांवड़ यात्रा का भी हिस्सा बनते है और इतने किलोमीटर तक चलकर के जाते है व अपने समाज के विरोध के बाद भी ये सब कार्य करते है.
मुस्लिम समुदाय ने जताया विरोध, बहिष्कार झेलना पड़ा
जबसे उनके इस कारनामे का पता उनके अपने धर्म से जुड़े हुए मुस्लिम लोगो को पता चला है उसके बाद से उनका बहिष्कार देखने को मिला. उन्हें नमाज पढने भी नही दिया गया और मस्जिद से निकाला गया ऐसा दावा किया जा रहा है. हालांकि इसमें कितना सच है और कितना झूठ ये तो वक्त ही बता पायेगा.
मगर बाबू खान और उनके चाहने वालो का कहना है कि वो कुछ भी गलत नही कर रहे है. जो कुछ भी उनके दिल ने कहा उन्होंने वही किया है.